7 chakra 9 devia

पहला दिन - शैलपुत्री
शैलपुत्री मूलाधार चक्र का प्रतीक हैं। यह सुरक्षा, अस्तित्व और मौलिक क्षमता जैसी आध्यात्मिक शक्तियों का संचार करती हैं। शैलपुत्री की आराधना मिल-जुलकर कार्य करने की क्षमता बढ़ाती है।

दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी

ब्रह्मचारिणी स्वाधिष्ठान चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव व्यक्ति को नियंत्रित विचार और मन के शुद्धिकरण के लिए प्रेरित करता है। शैलपुत्री की आराधना व्यक्ति के अंदर साहस में बढ़ोत्तरी करती है।

तीसरा दिन - चंद्रघंटा
चंद्रघंटा मणिपुर चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव व्यक्ति को विचारों की शून्यता और संतोष की प्राप्ति तक पहुंचाता है। चंद्रघंटा की आराधना नेतृत्व क्षमता के विकास और संतुष्टि प्राप्त करने के लिए करें।
चौथा दिन - कूष्मांडा
यह देवी अनाहत चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव व्यक्ति को आत्मा से मिलन के लिए प्रेरित करता है। मां कूष्मांडा की आराधना से ईमानदारी बढ़ती है और अंदर मौजूद डर खत्म होता है।

पाचवां दिन - स्कंदमाता
यह देवी विशुद्ध चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव परमात्मा के एहसास के लिए प्रेरित करता है। इनकी आराधना व्यक्ति में आकर्षण की वृद्धि करती है।

छठा दिन - कात्यायनी
देवी कात्यायनी आज्ञा चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव व्यक्ति को अज्ञात भय से मुक्ति दिलाता है। इनकी आराधना से तनाव से मुक्ति और क्षमा भावना का विकास

सातवां दिन - कालरात्रि
यह भानु चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव अहंकार से मुक्ति दिलाता है। साथ ही देवी की आराधना मानसिक प्रबलता बढ़ाती है। होता है।

आठवां दिन - महागौरी
यह सोम चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव व्यक्ति को आत्मा की पवित्रता की तरफ बढ़ाता है। इनकी आराधना से आलस्य से मुक्ति और एकाग्र मस्तिष्क की प्राप्ति होती है।

नौवां दिन - सिद्धिदात्री
यह सहस्रार चक्र का प्रतीक हैं। इनका आध्यात्मिक प्रभाव व्यक्ति को प्रकृति और जीवों में परमात्मा की छवि का एहसास कराता है। इनकी आराधना सफलता के साथ शांति की प्राप्ति कराता है।