प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा पूरी करके भारत के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और अधिक सुदृढ़ करने का संकल्प लिया।
यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट की शुरुआत बैठक में दोनों देशों ने ’21वीं सदी के लिए यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट’ की शुरुआत की, जिसके तहत सैन्य साझेदारी के अवसरों को बढ़ाने और वाणिज्य एवं प्रौद्योगिकी में तेजी लाने पर सहमति बनी। इसके साथ ही रक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, बहुपक्षीय सहयोग तथा नागरिकों के बीच संपर्क को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बांग्लादेश पर भारत को समर्थन बैठक में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। इस पर राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की डीप स्टेट का इसमें कोई हाथ नहीं है और उन्होंने भारत को इस मसले पर कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दी। उन्होंने कहा कि "बांग्लादेश का ख्याल पीएम मोदी रख लेंगे।"
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई बातचीत के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। राष्ट्रपति ट्रंप ने मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की घोषणा की। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनका आभार जताते हुए कहा कि "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका साथ खड़े रहेंगे। हम सीमा पार आतंकवाद के उन्मूलन के लिए ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
रक्षा समझौते को मिली गति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अत्याधुनिक F-35 फाइटर जेट देने की घोषणा की। यह भारत की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
लेन-देन में माहिर ट्रंप - ट्रंप लेन-देन के मामले में माहिर हैं और वे मोदी को यह कड़ा संकेत देना चाहते थे कि वे भारत को निर्यात किए जाने वाले अमेरिकी सामानों पर अब उच्च भारतीय टैरिफ स्वीकार नहीं करेंगे। जबकि मोदी ने बजट में अमेरिका से आयातित उत्पादों की एक श्रेणी पर कुछ टैरिफ कम करके जमीन तैयार की थी, ट्रंप और अधिक चाहते हैं। इसलिए, जब मोदी वाशिंगटन में थे, तब भी ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत सहित सभी देशों पर 'पारस्परिक टैरिफ' लगाएगा। उन्होंने भारत को टैरिफ के माध्यम से व्यापार अवरोध लगाने का विशेष रूप से दोषी बताया था और वाशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी की मौजूदगी में यह बात कहने में उन्होंने कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। मोदी चुप रहे।
प्रधानमंत्री मोदी के Communication Skill की प्रशंसा राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत की रणनीति और उनके नेतृत्व कौशल की जमकर सराहना की। उन्होंने पीएम मोदी को "बेहतर निगोशिएटर" बताया। उन्होंने मोदी को "लंबे समय से एक बेहतरीन दोस्त" भी बताया।
इस मुद्दे पर समझदारी दिखी अवैध प्रवास के मानव तस्करी पहलुओं का उल्लेख करके मोदी ने समझदारी दिखाई। उन्होंने यह भी सही कहा कि भारत हमेशा उन अवैध लोगों को वापस लेगा जिनकी भारतीय नागरिकता प्रमाणित हो चुकी है। हालांकि, जहां वे चुप रहे, वह यह था कि मानव तस्करी के पीड़ितों को सम्मान के साथ भारत वापस भेजा जाना चाहिए।मोदी के भारत पहुंचने पर सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी उनकी यात्रा को एक बड़ी सफलता के रूप में मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। विदेश नीति प्रतिष्ठान राहत की सांस लेगा कि उसने सभी नुकसानों से बचा लिया।
ट्रम्प को मिली जीत पर मोदी की बधाई प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि "मुझे खुशी है कि मुझे ट्रंप के साथ दोबारा काम करने का अवसर मिला है। मेरे और ट्रंप के मिलने का मतलब एक और एक ग्यारह है।" इस मुलाकात को अमेरिकी मीडिया ने भी प्रमुखता से कवर किया, जिसमें न्यूयॉर्क टाइम्स, सीएनएन और वॉशिंगटन पोस्ट जैसी प्रमुख समाचार एजेंसियाँ शामिल रहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह अमेरिका दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा मिली है।