कुम्हार जाति की छात्रा यमुना चक्रधारी ने NEET exam मे 720 में 516 अंक लाकर पाया चयन





दुर्ग। एक कुम्हार की बेटी, दुर्ग जिले के ग्राम डूमरडीह में रहती है। इरादों और संघर्ष के मजबूत रंगों से सजी, वह आज अपने विद्यालय की परीक्षा, नीट (NEET) में सफलता का पथ प्रशस्त कर चुकी है। यह खास बात उसकी प्रेरणा बन जाती है, उन सभी बच्चों के लिए जो दिल के संकोच को अपनी कमजोरी समझकर पढ़ाई के सपनों को बाधित कर देते हैं। यह उस माता-पिता के लिए भी प्रेरणा है जो अपनी बेटी की शादी के बारे में सोचने लगते हैं, जबकि वह अभी अपने सपनों की पहली उड़ान भरने के लिए तत्पर है। इसके अलावा, यह उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो अपने सामर्थ्य के बावजूद किसी की सहायता नहीं कर पाते हैं।

ईंट तैयार करने के लिए भट्टे में रस्सी काटते समय, यमुना का मन डॉक्टर बनने की ओर उड़ान भरने का संकल्प कर लेती है। वह चाहती है कि अपने सपनों के बादशाही में सभी का सहयोग करें और समाज की हर संभव मदद करें। 


आर्थिक कमजोरी मगर मजबूत इरादों के बदौलत आज एक ईंट बनाने वाले कुम्हार की बेटी ने नीट की परीक्षा पास कर ली है। दुर्ग जिले के ग्राम डूमरडीह की रहने वाली यमुना चक्रधारी (Yamun Chakradhari Crack NEET Exam 2023) ने चौथे प्रयास में सफलता हासिल किया। यह बच्ची प्रेरणा है उन सभी बच्चों के लिए जो अभाव को कमजोरी मानकर अपनी पढ़ाई रोक देते है। ये प्रेरणा है उन मां-बाप के लिए जो बेटी के बड़ी होने पर शादी की सोचने लगते है। ये प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो सक्षम होकर भी किसी को मदद नहीं कर पाते।

यमुना चक्रधारी (Yamuna Chakradhari) द्वारा दिखाया गया सामरिकता और संघर्ष अवश्य ही दूसरों के लिए प्रेरणादायी हैं। उन्होंने अपनी आर्थिक कमजोरी के बावजूद अद्यापि मेहनत और समर्पण के साथ नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है। उनका इरादा और जुनून अन्य लोगों के लिए मोटिवेशन का स्रोत बन सकते हैं, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो कमजोरी या अभाव को मानकर अपनी पढ़ाई रोक देते हैं। इससे साबित होता है कि सामरिकता और मेहनत के बिना कोई भी लक्ष्य साधना नहीं कर सकता है।


यमुना की माता-पिता का योगदान भी उनकी सफलता में महत्वपूर्ण रहा है। वे अपने बच्चों को समान रूप से पढ़ाई का महत्व समझाते हैं और उन्हें इसमें समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह दिखाता है कि परिवार में समर्पण और आपसी समरसता होने पर आपकी सफलता के चांसेस बढ़ जाते हैं। उनके परिवार ने उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार सदैव सहयोग प्रदान किया है.

सबसे खास बात यह रही कि गरीबी के हालात में परिवार के पुस्तैनी कार्य में भी यमुना 6 से 8 घंटे मेहनत करती थी और जब समय मिलता तो लगन से पढ़ाई करती। यमुना (Yamun Chakradhari Crack NEET Exam 2023) की बड़ी बहन युक्ति भी होनहार है। वह भी विश्विद्यालय की दूसरे नंबर की टॉपर रही है। यमुना की मां को अपने अनपढ़ होने पर जो समाज से सुनना पड़ा उसने उसे ही अपना हथियार बना लिया और ठान लिया कि जैसे उसका जीवन बिता वह अपने बच्चियों की जिंदगी वैसे जाया नहीं जाने देगी और कुछ न कुछ जरूर बनाएगी। बेटी बड़ी हो गई है उसकी शादी कर देनी चाहिए यह बात समाज और गांव के लोगों के बोलने पर भी थोड़ा भी ना भटकने वाले मात्र 5 वीं कक्षा पास यमुना के पिता बैजनाथ चक्रधारी ने यमुना की उडान को पंख दिए। जब जितना पैसा पढ़ाई के लिए लगता वह अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य करते रहते थे। आज वे बेटी की सफलता पर बेहद खुश है और मानते है कि बेटी ने उनका मान बढ़ाया है।






यमुना के पिता बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं करते। सभी की पढ़ाई को समान करवाते हैं। भले उन्हें रात दिन मेहनत ही क्यो न करना पड़े। यमुना (Yamun Chakradhari Crack NEET Exam 2023)  की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर उतई के जाने माने डॉक्टर अश्वनी चन्द्राकर ने उसे कोचिंग के लिए मदद किया। उन्हें जब पता चला कि पास के गांव की बेटी पढ़ाई में तो तेज है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर है तो वे उनके घर जाकर पढ़ाई के लिए कोचिंग की मदद की। आज यमुना अपनी सफलता में उन्हें भी पूरा सहयोगी मानती है। यमुना के जैसे हजारों होनहार बच्चे है जिन्हें आगे बढ़े की उम्मीद तो रहती है पर एक बार की असफलता उन्हें कमजोर बना देती है।


ह स्टोरी उन बच्चों को भी प्रेरणा देती है जो हार मानकर गलत कदम उठा लेते है। यमुना ने तीन बार हारने के बाद भी अपना हौसला नही खोया और आज वह सफल हो गई। यह उन लोगों को भी प्रेरणा देती है, जो समाज में बदलाव तो चाहते है पर चाह कर भी किसी होनहार बच्चे की मदद नहीं कर पाते और उन माता-पिता को प्रेरणा देती है जो समाज के डर से बेटियों के पैरों मे जनजीर बांध देते हैं और उनकी शादी कर देते है। यमुना (Yamun Chakradhari Crack NEET Exam 2023) डॉक्टर बनकर एनस्टियोलॉजिस्ट बनना चाहती है और वह डॉ. अस्वनी चन्द्राकर की राह पर चलकर किसी की मदद भी करना चाहती है।

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