कोरबा: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कारण कोरबा जिले के पाली-तानाखार विधानसभा सीट पर चर्चा शुरू हो गई है। यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक और प्रमुख हीरासिंह मरकाम, छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी नेता रहे हैं। हीरासिंह को पहली बार 1985 में भाजपा के टिकट पर तानाखार विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुना गया था। इसके बाद उन्होंने 1991 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की स्थापना की और इसी पार्टी से 1996 और 1998 में भी तानाखार के विधायक चुने गए।
उन्होंने इसके बाद कोई चुनाव नहीं जीता, लेकिन 2020 में उनकी मृत्यु तक उनका दबदबा बना रहा। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद, अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी, जिसके बाद भाजपा विधायक रामदयाल उइके ने अपनी सीट छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। जोगी को 2001 में मरवाही के विधायक चुना गया था।
अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद रामदयाल उइके ने अपनी सीट छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। जोगी को 2001 में मरवाही के विधायक चुना गया था। 2003 में हीरासिंह मरकाम के मुकाबले रामदयाल उइके को पाली-तानाखार विधानसभा सीट से हराकर उन्होंने अपनी पहली जीत दर्ज की थी। लेकिन उइके की मृत्यु के बाद उनकी बीमारी के चलते 2020 में हीरासिंह मरकाम ने उनकी पुत्री रानी पंजाबी को तानाखार विधानसभा सीट से उम्मीदवारी के लिए उठाया।
मोहितराम केरकेट्टा
मोहितराम केरकेट्टा को आनन-फानन में बिना किसी मुश्किल के सजी-सजाई थाली में टिकट मिल गई थी, लेकिन उन्हें गुजरे साढ़े चार सालों में आदिवासियों के बीच अपनी पैठ नहीं जमा सकी। पाली तानाखार सीट को गोंड आदिवासियों के गढ़ माना जाता है और बीते 33 वर्षों से यहां कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ही चुनाव जीतते रहे हैं। भाजपा तीसरी स्थान पर रही है। इस क्षेत्र में गोंड और कंवर जनजाति का प्रभाव महत्वपूर्ण है, और राजनीतिक पार्टियां उन्हें समर्थन दिखाती हैं, लेकिन क्षेत्र आज भी पिछड़ा है। कांग्रेस को इस सीट से प्रत्याशी बदलने का विचार करना चाहिए।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा तानाखार विधानसभा सीट पर चर्चा शुरू होने से पहले इस चरण में रानी पंजाबी के बगीचे में एक रोचक वृत्तचित्र बन गया है। वे अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, आदिवासी समुदाय की उन्नति और विकास के लिए कठिनाईयों का सामना करते हुए सीट पर उम्मीदवारी कर रही हैं। वे अपने जीवन में स्वतंत्रता संग्राम और जनसेवा के क्षेत्र में अपनी अदालती के लिए जानी जाती हैं। उनके अनुभव और समर्पण के कारण, वे आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी हैं। यह बात खुशी की है कि वरिष्ठ नेता अजीत जोगी की परिवारिक पार्टी कांग्रेस उन्नति और विकास के मुद्दों पर फोकस करने का वादा कर रही है। यह एक सामरिक और दिलचस्प चुनाव होने की संकेत दे रहा है, और उम्मीदवारों को जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
सरकारी नीतियों, सशक्त कानूनों, उच्चतम शिक्षा के संचालन, ग्रामीण विकास योजनाओं, बांधकाम के लिए बजट आवंटन और किसानों के हित में कठिनाइयों को समाधान करने के मामले में उम्मीदवारों को योगदान देना होगा। आम जनता के विकास को ध्यान में रखते हुए, सभी पार्टियों को उम्मीदवारों की प्रतिस्पर्धा करते हुए सुनिश्चित करना होगा कि राजनीतिक प्रचार में न्यायपूर्णता और तर्क का पालन किया जाए।
चुनावी युद्ध में कोई जीते और कोई हारे, लेकिन चुनावी प्रक्रिया एक संवेदनशील और जनहित मुद्दों को समझने का एक महान अवसर होता है। यह एक मौका है जहां हम सबको मिलकर देश के भविष्य की दिशा में बदलाव लाने का संकल्प लेना चाहिए। चुनावी प्रक्रिया के दौरान, हमें साथ मिलकर राजनीतिक बहस करनी चाहिए, सवाल पूछने चाहिए, और वोट करने के लिए जिम्मेदार नेताओं की तलाश करनी चाहिए। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे चुनावी निर्णय हमारे देश और समाज के हित में हों, और हमें सभी नागरिकों के लिए समृद्धि और समानता की दिशा में आगे बढ़ाने का मार्ग चुनना चाहिए।
इस प्रकार, एक व्यापक और समर्पित चुनावी प्रक्रिया देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह नागरिकों को एक संवेदनशील और सक्रिय नागरिकता का अनुभव प्रदान करता है, जो उन्हें सत्ता के साथी बनाने और समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता प्रदान करता है। चुनावी प्रक्रिया में योगदान देने के माध्यम से, हम अपने देश को मजबूत, सामरिक, और सामरिक बनाने का मौका प्राप्त करते हैं।
चुनाव अवधि के दौरान, हमें स्वतंत्र और आदर्शवादी नीतियों के लिए अपने विचारों को प्रदर्शित करने का समय मिलता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि चुनावी प्रक्रिया एक दायित्वपूर्ण कार्य है, जो हमें अपने देश के भविष्य का निर्माण करने में मदद करता है। चुनाव मतदान करना एक अधिकार होता है, और हमें इसे संरक्षित रखना चाहिए और अपनी नागरिकता के लिए गर्व महसूस करना चाहिए।
इस प्रकार, चुनावी प्रक्रिया हमारे लोकतंत्रिक संविधान का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारी राष्ट्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह हमें सामाजिक और आर्थिक विकास के मार्ग पर ले जाने का एक मौका प्रदान करता है और हमारी राष्ट्रीय पहचान और अदालती के संकल्प को मजबूत करता है। चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी लेकर, हम अपने देश को महान बनाने की प्रेरणा और आदर्शवादी मान्यताओं को आगे बढ़ा सकते हैं।