Life Campus / SCGNews
आजकल लोगो का होटल और रेस्टरेंट में खाना खाने का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है होटल और रेस्टरेंट में खाना खाने को स्टेटस सिम्बल की तरह देखा जाता हैसरकारी एजेंसी की माने तो पिछले 5 साल की तुलना में होटल्स और रेस्टॉरेंट की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि हो रही है। रही कही कसर जोमैटो और स्वीगी पूरी कर देते हैं इसकी तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई है की छोटे बड़े शहर में लोग क्लाउड किचन चलाना शुरू कर दिए हैं .
लेकिन जरा सोचिए कि अपने इस शौक,स्टेटस सिम्बल या फिर 1 घंटे के आलस से आप अपनी हेल्थ से कितनी बड़ी तादाद में खिलवाड़ कर रहे हैं ये कोई नही समझता ।पहले घर की महिलाओ का मुख्य काम खाना बनाना होता था, घर का शुद्ध प्यार से बनाए खाने को खा कर मन तो प्रसन्न और तृप्त होता था साथ में स्वास्थ्य भी ठीक रहता था, लेकिन आजकल की मॉडर्न मां ,मॉडर्न वाइफ, ये स्किल ही नही आती हैं पुरुष के साथ बराबरी की सोच बाहर नौकरी करना और पैसे कमाना हसबैंड वाइफ का कंधे से कंधे मिलकर काम करना अच्छा पैसा कमाना , वीकेंड पे आराम करना और बाहर खा कर पैसा खर्च करना अब उन सब का मौलिक अधिकार है, इन्ही खाने के खाने से बीमारी हो रही है।और बीमारियों पर कमाए हुए पैसे खर्च करना संपन्न जीवन शैली का हिस्सा माना जा रहा है ।
यदि आप अगर घर का खाना खा रहे हैं बाहर नही खाना चाहते तो लोग आप की ओल्ड फैशन समझेंगे
आप को बता दें बाहर खाना खिलाने वाले 90 प्रतिशत रेस्टॉरेन्ट खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल फ्लेवर एड करते हैं सबसे निम्न कैलिटी का तेल इस्तमाल करते हैं।
और साथ में जो भर भर के बटर डालते हैं वास्तव में वह वेजिटेबल तेल होता है जो हृदय ,लिवर सहित शरीर के अन्य अंगों के लिए अत्याधिक नुकसानदेह होता है।
तो आब आप खुद डिसाइड कीजिए कि पैसा कमा कर बाहर खा कर कमाए हुए पैसे को स्वास्थ्य पर खर्च करना है या घर का खाना खा कर स्वास्थ्य रहना हैं।वैसे जमाना दिखावे के है और आज आपके लिए दिखावा ज्यादा महत्वपूर्ण होगया है जितना दिखाओगे उतना ज्यादा लोग आपको प्रोग्रेसिव समझते है मॉडर्न फैमिली का तबका भी हासिल होता है बस इसको दिखाने मे यदि इन सब को हॉसिल करने में थोड़ा स्वस्थ खराब भी होता है तो क्या .. हॉटल्स के अनुपात में अस्पताल भी तो खुल रहे है बड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ट्रेंड नर्स,पैरामेडिक्स और व्यवाह कुशल मैनेजमेंट की टीम की सेवा आपके कमाए पैसों से उपलब्ध हो ही जाएगी। जागिये जनाब
क्यों बीमारियों को न्योता दे रहे हो, क्यों परेशानी को मोल खरीद कर खा रहे हो.समझो और विचार करो, ये सही नही है। आपके और आपकी फैमिली के लिए इतना ही मैं कहूँगा कि ,आप का जीवन अमूल्य है आप अपने परिवार की अमूल्य धरोहर है।