SCG NEWS ..संपादकीय . नरेंद्र पाण्डेय ....महाराष्ट्र के ठाणे में 3 और 4 साल की दो बच्चियों के यौन-शोषण का मामला सामने आया है। घटना बदलापुर के एक प्ले स्कूल की है। जानकारी सामने आने के बाद गुस्साई भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हुई। भीड़ ने स्कूल में तोड़फोड़ की, उसके बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर 6 घंटे तक ट्रेनें रोकी रखीं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया |
मामले की जांच SIT करेगी बता दे कि 23 साल के आरोपी ने 16 अगस्त को स्कूल के बाथरूम में बच्चियों का यौन-शोषण किया था। बच्चियों के पेरेंट्स ने 17 अगस्त FIR दर्ज कराई। पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को अरेस्ट किया है। स्कूल के प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला स्टाफ को सस्पेंड भी किया गया है। सरकार ने मामले की जांच के लिए SIT गठित की है। केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा
अब अकोला में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। काजीखेड़ के जिला परिषद स्कूल के टीचर प्रमोद मनोहर पर स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
आरोपी टीचर ने आठवीं क्लास में पढ़ने वाली 6 छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया। टीचर उनको अश्लील वीडियो दिखाता था और गलत तरीके से छूता था। छात्राओं की शिकायत पर पुलिस ने टीचर को अरेस्ट कर लिया है।
कोलकाता आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के संग रेप और हत्या का मामला ठंडा नहीं पड़ा है। हजारों की संख्या में डॉक्टर मरीजों की सेवा के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अब जो जानकारियां सामने आ रही हैं वो पुलिस प्रशासन को यूं ही कठघरे में नहीं खड़ा कर रही है। 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल से डॉक्टर के शव को बरामद किया गया था। 9 अगस्त को ही दोपहर में तीन बजे के करीब मृतक के मां-बाप ने हत्या की आशंका जताई। लेकिन औपचारिक तौर पर एफआईआर पहली बार रात को 11.45 मिनट पर दर्ज की गई। इस बीच उसी दिन रात को 8.30 बजे शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया गया। अब सवाल यही से शुरू होता है कि कोलकाता पुलिस को एफआईआर दर्ज करने में इतना समय क्यों लगा और मृतक डॉक्टर का अंतिम क्रिया कर्म क्यों करा दिया गया।
अदालती दस्तावेज और पुलिस अधिकारियों के बयानों से पता चलता है कि असिस्टेंट प्रोफेसर सुमित कुमार तपदर 9 अगस्त को सुबह 9.45 मिनट पर सेमिनार हाल में शव के बारे में जानकारी देते हैं और एफआईआर दर्ज करने की अपील करते हैं। लेकिन पुलिस को दोपहर 2.45 मिनट पर औपचारिक तौर पर एफआईआर दर्ज करने की अर्जी मिलती है. पुलिस की टाइमलाइन के मुताबिक 9 अगस्त को सुबह 10.10 मिनट पर उन्हें जानकारी मिली। वो घटना वाली जगह पर 10.30 मिनट पर पहुंचे। कोलकाता पुलिस की होमिसाइड टीम 11 बजे पहुंचती है उसके बाद 12.30 बजे पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं। 12.45 बजे अप्राकृतिक मौत का केस दर्ज होता है। अब इसी देरी पर पीड़िता के घर वालों को ऐतराज है। उनका कहना है कि तीन बजे बॉडी को देखने के बाद सबको यह कहते रहे हैं कि मौत हत्या की वजह से हुई। हमने पांच या साढ़े पांच बजे के करीब शिकायत दर्ज कराई।
सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- व्यवस्था में सुधार के लिए हम और एक रेप का इंतजार नहीं कर सकते। अदालत ने मेडिकल प्रोफेशनल्स की सेफ्टी के लिए 14 मेंबर्स की नेशनल टास्क फोर्स बनाई है, इसमें 9 डॉक्टर्स और केंद्र सरकार के 5 अधिकारी शामिल हैं। टास्क फोर्स मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा, वर्किंग कंडीशन और उनकी बेहतरी के उपायों की सिफारिश करेगी। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने देरी पर बात की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना होने के तुरंत बाद अस्पताल अधिकारियों का दायित्व है कि वे एफआईआर दर्ज करें, भले ही माता-पिता मौजूद हों या नहीं।”