अध्यात्म और विज्ञान का अद्भुत समन्वय है योग : ज्ञानेश शर्मा रायपुर



रायपुर।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड स्थित योग भवन में संभाग स्तरीय सात दिवसीय आवासीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन छग योग आयोग द्वारा किया जा रहा है। 7 जुलाई से 13 जुलाई तक चलने वाले इस आयोजन मे बस्तर संभाग से सैकड़ों की तादाद में लोग उपस्थित होकर प्रशिक्षण शिविर का लाभ उठा रहे हैं।
  शिविर में योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा , ख्याति प्राप्त नेत्र चिकित्सक एवँ होलिस्टिक हेल्थ कंसलटेंट डॉ अनिल के गुप्ता के साथ लाइफ वर्सिटी के सम्पादक और लाइफ कोच डॉ नरेन्द्र पाण्डेय द्वारा योग के महत्व को बस्तर संभाग से आए योग साधकों को मन, मस्तिष्क,शरीर और आत्मा के मध्य सम्बन्धो को विभिन्न उदहारण के साथ बतलाया कि किस तरह हम नकारात्मक सोच कि तरफ चले जाते हैं और सच्चाई को समझ नही पाते हैं।
हाल ही में अपने 15 दिवसीय अमेरिका प्रवास से रायपुर लौटे डॉ अनिल ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के बाद एक दूसरी महामारी से गुजर रहा है वह है SADD। मतलब स्ट्रेस, एंजाइटी,डिप्रेशन एवँ डिजीज। यह लाइफस्टाइल और साइकोसोमैटिक्‌ डिसीज इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब उसे केवल मेडिकल साइंस के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।योग और हमारा आयुर्वेद एक ऐसा माध्यम है जिसे मॉडर्न मेडिकल से जोड़ कर चलाना होगा, वर्तमान में पूरे विश्व को स्वास्थ्य के प्रति एक इंटीग्रेटेड अप्रोच की जरूरत है।

लाइफ कोच एवँ लाइफ वर्सिटी के सम्पादक डॉ नरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि बीमारी का कारण तनाव और अस्वस्थ जीवन शैली है। योग आपके तनाव के प्रबंधन को सिखाता है और प्राणिक ऊर्जा, लाइफस्टाइल को ठीक करता है।लेकिन हमें जो चीजे  सरलता और सहजता से प्राप्त होती हैं हम उसके महत्व को नही समझते मगर हमे अब इसके महत्व को समझने की आवश्यकता है। 

छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा जी ने कहा कि योग, आध्यात्म और विज्ञान दोनों का एक अद्भुत समन्वय है तथा योग अपने आप में संपूर्ण विज्ञान है।विज्ञान को भी अभी ये नही मालूम कि योग के पीछे क्या क्या अद्भुत चीजें छुपी हुई हैं। जो विज्ञान नही कर पाता उसे योग में करने की क्षमता है। हमारे ऋषि मुनियों ने विरासत में इसे हमारे लिए छोड़ा है।प्रदेशवासियों को मीडिया के माध्यम से यह संदेश दिया कि कोरोना महामारी के पश्चात और आज के जीवन में सबको सचेत होने की आवश्यकता है। हमारे जीवन का अमूल्य धरोहर हमारा स्वास्थ्य है और स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए सबसे सशक्त और सरल मध्यम योग है और मेरा निवेदन है कि छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में योग को अनिवार्य रूप से शामिल करे कम से कम आधा घंटा योग के लिए निकालने की गुजारिश की है।

छत्तीसगढ़ योग आयोग के सचिव, एम एल पांडेय  बताया कि बिलासपुर संभाग एवम रायपुर संभाग का योग प्रशिक्षण शिविर पूर्व में हो चुका है और अभी बस्तर संभाग का योग प्रशिक्षण चल रहा है।इसके पश्चात सरगुजा और दुर्ग का होना है।इसके पश्चात हम ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी योजना बन रही है।योग आयोग का गठन इसी उद्देश्य के साथ किया गया है कि योग आयोग में लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा किया जाए। तनाव ही सारी बीमारियों का जड़ है अगर लोग अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करते हैं तो तनाव से मुक्त और हमारी जो दिनचर्या है वो भी संयमित होने लगता है योग स्वास्थ्य के साथ साथ अनुशासन भी पैदा करता है। शर्मा जी ने बताया कि जब से योग आयोग का गठन हुआ है तब से लगभग प्रदेश के 20000 से ज्यादा लोगों ने योग आयोग के प्रशिक्षण से लाभ प्राप्त किया है।

कार्यक्रम के शुभारम्भ पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा योग हमारे प्राचीन ऋषियों की देन है।योग आयोग द्वारा बस्तर क्षेत्र  के लोगो को जोड़ते हुए स्वस्थ रखने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रेरणा से निरंतर प्रदेश में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ।
कार्यक्रम प्रभारी रविकांत कुंभकार,योग प्रशिक्षक छबिराम साहू, सी एल सोनवानी ,बस्तर संभाग कोआर्डिनेटर ज्योति साहू ने आभार प्रकट करते हुए इस कांसेप्ट का भी प्रशिक्षण प्राप्त करने की ईच्छा व्यक्त की तो बस्तर संभाग से आये  प्रशिक्षुओं ने कहा कि आज हमने योग के महत्व को एक दूसरे आयाम से भी समझा है। अंत मे डॉ अनिल और नरेन्द्र द्वारा लोगो को
"मेरा स्वास्थ्य मेरी जिम्मेदारी,मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी,हमारा योग हमारी जिम्मेदारी" का वचन दिलवाया।

VIEW MORE

Category News