जूनागढ़ में दरगाह हटाने के विरोध में हिंसक प्रदर्शन, पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर




जूनागढ़, गुजरात: जूनागढ़ शहर में दरगाह को हटाने के निर्णय को लेकर बीती रात हिंसक भीड़ ने बवाल मचा दिया है। जूनागढ़ के मजेवाड़ी इलाके में स्थित अवैध दरगाह को हटाने के नोटिस जारी होने के बाद, पुलिस द्वारा भीड़ के हमले का सामना किया गया है। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं।

हिंसा के दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पत्थराव और आगजनी के हमले किए गए। इसके परिणामस्वरूप डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। वर्तमान में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।




दरगाह के हटाने के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। दरगाह के हटाने की मांग करने वाले अधिकारी इसे अनधिकृत और नियमों का उल्लंघन मान रहे हैं, जबकि प्रतिरोध करने वाले लोग दरगाह को अपनी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक मान रहे हैं। दोनों पक्षों में मतभेद दूर करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर संवाद कर रहे हैं।

यहां दरगाह हटाने के बाद भीड़ के हमले के दौरान उग्रवादी तत्वों की उपस्थिति की आशंका दर्ज की गई है। पुलिस ने तत्परता बढ़ाते हुए सुरक्षा बलों को बढ़ावा दिया है और क्षेत्र में तंग गलियों में पैदल पटरियों की दिखावटी की गई है।

मजेवाड़ी इलाके की जनता में इस मुद्दे पर विभाजन है। कुछ लोग दरगाह को निकालने की मांग कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर उन्हें दरगाह की महिमा और प्राचीनता को संभालने की आवश्यकता दिखाई दे रही है। दरगाह को हटाने के विरोध में हिंसक प्रदर्शन जारी होने के बाद, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने सुरक्षा को और बेहतर बनाने का आश्वासन दिया है।

इस संदर्भ में जिला प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, "हम इस मामले को शांति और सौहार्द की दृष्टि से हल करने के लिए संवाद में हैं। हम सभी लोगों को शांति और क़ानून व्यवस्था की सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे शांति और सद्भाव की माहौल को बनाए रखें और किसी भी हिंसा या अशांति की इच्छा को पूरा न करें।

दरगाह के हटाने के मुद्दे की जांच और न्याय कार्रवाई के लिए प्रशासनिक अधिकारी द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति द्वारा दरगाह की संदर्भित स्थिति की विश्लेषण किया जा रहा है और न्याय के संबंध में फैसला किया जाएगा।

जूनागढ़ के निवासियों को अधिकतम सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने तत्परता और कड़ी मेहनत की है। स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी तरह की हिंसा और अशांति नहीं होने दी जाएगी और क़ानून व्यवस्था को सुरक्षित रखा जाएगा।

स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक़, दरगाह के हटाने के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है और सभी पक्षों के द्वारा जनमत सुना जा रहा है। एक साथी न्यूज़ अधिकारी ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सम्मानित अधिकारियों के नेतृत्व में यह मुद्दा विश्वास, सौहार्द और सद्भाव से हल किया जाएगा।"

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