बिलासपुर: मंगला चौक में तीन मंजिला मेडिकल दुकान का इमारत ढह गई, नगर निगम की लापरवाही से स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश - Video




बिलासपुर शहर में एक अफ़सोसनाक घटना का सामना करना पड़ा है, जहां तीन मंजिला भवन शनिवार की सुबह ढह गया है। 
शहर के मुख्य चौक में स्थित तीन मंजिला भवन में स्थित श्रीराम मेडिकल स्टोर नामक दुकान का निर्माण होता था, जो अचानक गिर गया है। सूबह बिल्डिंग की ढहाई की खबर मिली है।

इस घटना के समय में मंगला चौक में आमतौर पर गहरी भीड़ होती है। ऐसी स्थिति में एक ऐतिहासिक दुर्घटना हो सकती थी। बिल्डिंग की ढहाई के कारण, इस तक यह पता नहीं चल सका कि कोई व्यक्ति इसमें फंसा है या नहीं।



इस घटना की सूचना सुबह के लगभग 6 बजे मिली है। बिल्डिंग के निकट नाला निर्माण के लिए खुदाई कार्य चल रहा था, जिसके कारण यह इमारत गिर गई है और लोगों में आक्रोश है। इस बात की जानकारी है कि यह घटना नगर निगम आयुक्त के आवास से कुछ दूरी पर हुई है।

स्थानीय निवासियों ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा की कमी को लेकर आरोप उठाया है। वे नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारियों से इस मामले में गंभीरता से न्याय करने की मांग कर रहे हैं। यह दुर्घटना स्थानीय व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ चौक के परिसर में मौजूद लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकती थी।
इस दुर्घटना में जन हानि की खबर नहीं हुई है, लेकिन इसकी जड़ नगर निगम की लापरवाही और असंवेदनशीलता में देखी जा रही है। इस जगह पर नगर निगम ने खुदाई करके नाली निर्माण करने की कार्यवाही शुरू की है, जिसके चलते यह भवन गिर गया है। स्थानीय व्यापारी इस घटना के बारे में बहुत गुस्से में हैं और हंगामा कर रहे हैं। मलबे को हटाने के लिए बचाव दल को रोक दिया गया है और मुआवजा देने के बाद ही काम शुरू करने की मांग की जा रही है।

शहर में जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम ने 50 करोड़ रुपये की लागत से नालियों का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि, इसकी योजना में मनमानी के चलते बारिश के मौसम की शुरुआत हो चुकी होने के बावजूद भी काम अधूरा ही बचा है। जगह-जगह सड़कों और गलियों में खुदाई की गई है, जबकि इस पूरे कार्य को मानसून से पहले ही पूरा कर लेना चाहिए था। इस लापरवाही ने नगर निगम की संगठनात्मक क्षमता और अनुशासन की कमी को दर्शाया है।

स्थानीय व्यापारियों के बीच इस दुर्घटना ने बड़ी उत्पीड़न का कारयहाँ तक कि नागरिकों को विश्वास हो गया है कि नगर निगम की इस बेपरवाही के कारण ही यह भवन ढहा गया है। स्थानीय व्यापारी भाईचारे को छोड़कर आवाज उठा रहे हैं। इनका मानना है कि यदि सुरक्षा मामलों पर पूरा ध्यान दिया गया होता तो यह अपवादार्थी हादसा नहीं होता। नगर निगम को अब इस बड़े आपत्तिजनक हादसे की जिम्मेदारी स्वीकारनी चाहिए और तत्पश्चात व्यापारियों को उचित मुआवजा देना चाहिए। बिना मुआवजा दिए गए कार्य की योजना में बदलाव करने की आवश्यकता है और कार्य को तात्पर्यबद्धता से पूरा करने की जरूरत है।

मौसम के बदलते दौरान जनता की सुरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए। नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारियों को इस त्रासदी को देखते हुए जल्दी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अगले अपवादार्थी हादसे से बचा जा सके। समुचित सुरक्षा और प्लानिंग के साथ निर्माण कार्यों को पूरा करने की जरूरत है ताकि शहर की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

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