बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो हमले और मोहम्मद युनुस (Muhammad Yunus) सरकार के मंत्रीयों की भारत और हिंदुओं के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। इस बीच साध्वी ऋतंभरा ने बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं पर हमले को लेकर भड़क गई हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हर उम्र की हिंदू महिलाओं (Hindu Women) के साथ रेप और बदतमीजी हो रही है, जो सारे हिंदू समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि भारत के छोटे-छोटे मुद्दों पर बोलने वाला यूएन बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चुप क्यों है? उन्होंने मोदी सरकार से बांग्लादेश पर दवाब बनाने की अपील की।
‘बांग्लादेश में दूर-दूर तक इंसानियत नहीं’
साध्वी ऋतंभरा ने कहा, “हम यही चाहते हैं कि बांग्लादेश में हमारा हिंदु सुरक्षित हो। वहां इंसानियत दूर-दूर तक नहीं है। बांग्लादेश में बच्चों के साथ जो व्यवहार हो रहा है, वैसा तो शायद भेड़िए भी करते हैं। अत्याचार सहने की भी एक सीमा होती है. बहुत रगड़ा जाता है तो चंदन से भी आग नहीं निकलती है। यूनाइटेड नेशन पर सवाल उठाते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा, “हम यूएन से कहना चाहते हैं, जो भारत में होने वाली छोटी-छोटी बात पर बोल देता है, वो बांग्लादेश में हो रही इतनी बड़ी बात पर चुप क्यों है? हिंदू होना कोई अपराध नहीं है। हिंदू समाज की करुणा, सहजता और सरलता को कायरता के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
बांग्लादेश के साथ संबंध पर बोलीं साध्वी ऋतंभरा
उन्होंने कहा, “सरकार बांग्लादेश पर दवाब बनाएं। हमारे विदेश सचिव वहां गए हैं, लेकिन अब उससे ज्यादा की जरूरत है। बांग्लादेश से संबंध रखना जरूरी है, लेकिन यह तभी सही मायने में होगा जब वहां की सरकार हमारे हिंदू भाइयों की और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की जिम्मेदारी ले।
अमेरिका और यूरोप ने बंग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर जताई चिंता
अमेरिका और यूरोप के विभिन्न हिंदू समूहों से मिलकर बने बांग्लादेशी अल्पसंख्यक गठबंधन ने संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में हिंदुओं के लक्षित उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। बांग्लादेशी अल्पसंख्यक गठबंधन (बीएमए) का हिस्सा केयर्स ग्लोबल की ऋचा गौतम ने कहा, “हिंदुओं और बौद्धों का उत्पीड़न महज शासन की उपेक्षा का मामला नहीं है. यह मानवता की अंतरात्मा और उसके उदासीन प्रयासों पर एक धब्बा है.”