Cyber ठगों ने आपके खाते से उड़ाए पैसे तो कैसे लें कानूनी मदद?


 SCGNEWS:  वर्चुअल वर्ल्ड में साइबर क्राइम (Cyber Crime) की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. जरा सी चूक का फायदा उठाकर साइबर ठग आपको कंगाल कर सकते हैं.साइबर ठग हर बार हर ग्राहक को ठगने के लिए अलग-अलग पैटर्न अपनाते हैं. कभी फिशिंग मेल के जरिए ठगी की जाती है तो कभी ओटीपी के जरिए.साइबर क्राइम ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है जिसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क के जरिए ठगी की जाती है. साइबर अपराधी इसके जरिए प्राइवेसी से लेकर पैसे तक उड़ा ले जाते हैं. डेटा हैकिंग, फिशिंग मेल, ओटीपी फ्रॉड और मोबाइल फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन जैसे तमाम अपराध हैं जिन्हें साइबर अपराधी अंजाम देते हैं

अगर ठगी का शिकार हों तो क्या करें? देखिये वीडियो और सुनिए विषज्ञों की सलाह

अगर आप किसी भी तरह के साइबर क्राइम का शिकार होते हैं तो www.cybercrime.gov.in लिंक पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर करा सकते हैं. पुलिस स्टेशन में जाकर आप साइबर सेल में भी अपने खिलाफ हुई धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दे सकते हैं. साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर की जा सकती है.बैंक अकाउंट से जुड़े फ्रॉड के मामले भी यहीं दर्ज कराए जा सकते
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?

सोशल मीडिया पर अपनी गोपनीय जानकारियां कभी न शेयर करें. किसी भी स्थिति में ओटीपी किसी के साथ शेयर न करें. एक ओटीपी शेयर करने की वजह से आप कंगाल हो सकते हैं. ऐसे कई मामले आए हैं जब लोगों ने ओटीपी और बैंकिंग विवरण शेयर कर लाखों गंवाए हैं. डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का पिन, सीवीवी नंबर किसी के साथ शेयर न करें. आधार और पैन कार्ड के विवरण भी किसी से शेयर न करें.

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