आप नेता बनना चाहते थे या कुछ और? कश्मीर की बेटियों का राहुल गांधी से सवाल


म्मू-कश्मीर का मैदानी भाग हो या पहाड़, सब अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए हैं. हर गांव और हर सड़क किसी न किसी कहानी का हिस्सा है. कई ऐसे पेड़ हैं, जो अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं और बीते कल की याद दिलाते हैं.

ऐसा ही एक पेड़ है, जिसके नीचे 1 अगस्त 1947 को महात्मा गांधी ने महाराजा हरि सिंह और महारानी तारा देवी से मुलाकात की थी. उस समय उनके साथ कर्ण सिंह भी थे. जो तब युवराज थे. इसी पेड़ के नीचे अपने दौरे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कश्मीर की बेटियों के साथ कई मुद्दों पर लंबी चर्चा की. कश्मीर की बेटियों ने कई सवाल किए, जिनका राहुल ने जवाब दिया. आइए जानते हैं कश्मीर की बेटियों से राहुल की क्या बातचीत हुई…

सिक्योरिटी घेरे में पेड़ के पास आते ही राहुल पूछते हैं… हेलो, हाउ आर यू? जवाब में बेटियां पूछती हैं… हाउ आर यू, सर? सबसे हाथ मिलाने के बाद राहुल बैठते हैं और कहते हैं कि मुझे हमेशा कश्मीर आना अच्छा लगता है. इसी बीच कश्मीर की एक बेटी पूछती है. सर, आपको कश्मीर के बारे में सबसे ज्यादा क्या पसंद है?

राहुल कहते हैं… लोगों के साथ मेरा जो रिश्ता है, वह मुझे सबसे ज्यादा अच्छा लगता है. मुझे हमेशा ये जगह पसंद आती है. एक बेटी कहती है… लोग यहां आपको बहुत पसंद करते हैं. इस पर राहुल कहते हैं…यहां लोगों को बहुत मुश्किल समय से गुजरना पड़ रहा है. संघर्ष कर रहे हैं और मुझे बुरा लगता है. अगर मैं उनके के लिए कुछ कर सकता हूं… थोड़ा सा तो कोशिश करता हूं कि करूं.

इसके बाद राहुल सवाल करते हैं… यहां की परिस्थितियां आपकी योजनाओं को कैसे बाधित करती हैं? इस पर जवाब मिलता है… मैं यहां अपनी पढ़ाई जारी नहीं रखना चाहती थी क्योंकि यहां बहुत डिप्रेसिंग माहौल है. मैं बाहर जाना चाहती थी. मगर मेरे माता-पिता ने मुझे जाने नहीं दिया. इसलिए मुझे यहां रहना पड़ा और यहीं पढ़ाई की.

पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई पर बात करते हुए राहुल कहते हैं…विश्वविद्यालयों में आपको जो पढ़ाया जाता है, उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है…असली राजनीति से. इस पर एक लड़की कांग्रेस सांसद से सवाल करती है… आपने इंटरनेशनल रिलेशन्स की पढ़ाई की है? जवाब मिलता है… हां, मैंने हावर्ड से पढ़ाई की है और उसके बाद पापा की मृत्यु हो गई. इसके बाद मुझे Rollins College जाना पड़ा. फिर वहां से मैं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी गया.

इसी बीच एक लड़की सवाल करती है…आप राजनेता बनना चाहते थे या कुछ और? इस पर वो जवाब देते हैं… जब मैं छोटा था तब नहीं लेकिन पापा की मृत्यु के बाद मुझे लगा… मैंने पापा की मृत्यु को इस तरह देखा कि कोई उन्हें वह करने से रोक रहा था, जो वो करना चाहते थे.फिर मैंने इस बारे में सोचा. हम कहते हैं, हम इसे बदलना चाहते हैं, उसे बदलना चाहते हैं लेकिन हमको ये अहसास नहीं होता कि उनमें से कुछ भी बदलने के लिए हमको, इसे बदलना होगा.

इस बीच एक लड़की कहती है हम भी आजाद होना चाहते हैं और अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं. इसी बीच राहुल कहते हैं… मैं जो कुछ भी कर रहा हूं, उसमें खुशी ढूंढने की कोशिश करता हूं. अगर मैं अपना काम कर रहा हूं तो मैं उसमें खुश रहने की कोशिश करूंगा. मैं उसमें कैसे खुश रहूंगा. आपको कैसे लगता है कि मैं उसमें खुश रहूंगा. मेरा काम काफी थका देना वाला है. मैं जाकर कुछ कश्मीरियों से मिलूंगा. युवाओं से बात करूंगा. इसके बाद मेरा काम दिलचस्प हो जाएगा.

राहुल की बात खत्म होते ही एक अन्य लड़की कहती है… मैं बहुत कुछ करना चाहती हूं लेकिन परिस्थितियों के कारण हम कर नहीं पाते. कश्मीरी महिला के तौर पर मुझे बता कि मुझे किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कश्मीर में रोजगार की कमी है. 76 फीसदी महिलाएं बेरोजगार हैं.

कश्मीर में आप प्रेस की स्वतंत्रता को कैसे देखते हैंइस सवाल के जवाब में राहुल कहते हैं… कश्मीर में और बाकी देश में और पत्रकारों की हत्या की गई है. प्रधानमंत्री समस्या के बारे में सुनते नहीं हैं.

जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा… चुनाव आ रहे हैं लेकिन जम्मू कश्मीर के पास राज्य का दर्जा नहीं है. राज्य का दर्जा कैसे बहाल होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं… मुझे लगता है कि देश के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी राज्य से उसका दर्जा छिन गया हो. जिस तरह से दर्जा छिना वो मुझे पसंद नहीं. हमारा मानना यही है कि राज्य का दर्जा मिले. इसमें जम्मू-कश्मीर के साथ ही लद्दाख के लोग भी शामिल हों.

 

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