विवाद खत्म बाबा बने डिप्टी सीएम : देखिए वीडियो


T.S.Singhdeo : छत्तीसगढ़ में चार महीने बाद विधानसभा के चुनाव हैं। चुनाव से पहले पार्टी की गुटबाजी खत्म करने के लिए कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाया है। चुनाव से ठीक पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को डेप्युटी सीएम बनाने का फैसला किया है। छत्तिसगढ़ के इतिहास में पहली बार उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।2018 के विधनसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पहली बार 68 सीट जीती थीं। उस समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ताम्रध्वज साहू और सिंहदेव दिल्ली गए थे। सीएम की दौड़ में तीनों शामिल थे। लेकिन भूपेश बघेल की आक्रामक छवि और अन्य राजनीतिक समीकरणों से उन्हें सीएम बनाया गया। ताम्रध्वज साहू को गृहमंत्री और सिंहदेव को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। इस दौरान ढाई-ढाई साल के सीएम का मुद्दा भी जोर पकड़ा था जिसे बाबा गाहे बगाहे कई मौकों पर उठाते रहे हैं। सीएम पद को लेकर कई बार पार्टी हाईकमान से अपनी  नाराजगी जता चुके हैं। यहां तक कि सीएम भूपेश से भी उनकी कई मौकों पर सियासी नाराजगी और लड़ाई दिख चुकी है। पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफ़ा देने वाले बाबा छतीसगढ की सियासत में हमेशा चर्चा में बने रहे है वे कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस मेरे खून में है, मैं कभी कांग्रेस नहीं छोडूंगा।हालाँकि सिंहदेव ने कई मंचो से बयान दिया था कि वो अपने राजनीति भविष्य के बारे में फैसला लेंगे। अपनी नाराजगी को उन्होंने पहले ही पार्टी और संगठन को जता दिया था। ऐसे में छत्तीसगढ की सियासत में कयास लगाया जाने लगा कि बाबा बीजेपी में प्रवेश कर सकते हैं। हाल ही में बाबा ने कथित ऑपरेशन लोटस के बारे में मीडिया से चर्चा में कहा था कि बीजेपी ने उन्हें भाजपा में प्रवेश के लिए ऑफर दिया था पर उन्होंने इसे ठुकरा दिया। बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी उन्हें दिल्ली में ऑफर दिया था। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही थी कि सिंहदेव नाराज हैं। कही 2023 में कांग्रेस का गणित न बिगाड़ दें। उनकी इस नाराजगी से साल 2023 के चुनाव में कांग्रेस को कहीं नुकसान न उठाना पड़े। सिंहदेव सरगुजा संभाग समेत प्रदेश की सियासत में गहरी पैठ रखते हैं। इसे कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां बखूबी जानती और समझती हैं। पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ जुड़ी सरगुजा राजघराने के बाबा प्रदेश के सबसे अमीर विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में टीएस बाबा के कंधों पर कांग्रेस ने अहम जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार किया था जिसमें सभी वर्गो का खयाल रखा गया था। 15 साल बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का बनवास खत्म हुआ था और बीजेपी महज 15 सीट पर ही सिमट गई थी। 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी बीजेपी अपनी सबसे शर्मनाक हार का स्वाद चखते हुए महज 15 सीट जीत पाई थी। #lifecampus
ऐसे में चुनाव से ठीक पहले सिंहदेव को डेप्युटी सीएम बनाकर आलाकमान ने कुछ हद तक भूपेश और सिंहदेव के बीच पद को लेकर उनके रिश्ते को सामान्य करने की कोशिश में की है। इस तरह विधानसभा चुनाव 2023 से महज तीन से चार महीने पहले कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद देकर एक प्रकार से पार्टी को नुकसान से बचाने की कवायद की है। बहरहाल, कांग्रेस की इस नई कवायद या व्यवस्था से छत्तीसगढ़ कांग्रेस को क्या लाभ मिलेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। : 

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