कांग्रेस का मुस्लिम प्यार और राहुल का जाति अस्त्र


SCG NEWS ..नरेन्द्र पाण्डेय :- संपादकीय -  हमारे देश में एक राजनितिक पार्टी है नाम है कांग्रेस जिसके नेता है राहुल गांधी . राहुल इस समय सदन में नेता प्रतिपक्ष है यानी शैडो प्राइम मिनिस्टर . ये पार्टी अपने आप को हमेशा सेक्युलर बतलाती है जिसमे धर्म जाति सब बराबर होती है . लेकिन राहुल और इनके पार्टी के सभी नेताओं के वक्तव्य,बयान हमेशा एक विशेष धर्म , वर्ग और जाति के खिलाफ ही होते है . ये जब भी बात करते है तो केवल जाति की ही बात करते है चाहे संसद के अन्दर हो या बहर . लोकसभा में राहुल ने लहराई भगवान शंकर की तस्वीर, स्पीकर ने दिखा दी नियम  पुस्तिका - Congress leader Rahul Gandhi speech in indian Parliament ntc -  AajTak

हालांकि इनकी पार्टी जब 2011 में सत्ता में थी तो जातिगत जनगणना करवाई थी लेकिन लेकिन उसके आंकड़े अभी तक देश के सामने नहीं आये .न जाने कितने करोड़ खर्चा हुए थे उस जनगणना को करवाने में . वही राहुल गांधी आज फिर जाति गणना करवाने की मांग कर रहे है . राहुल गांधी को अब तो हर चीज में , हर व्यक्ति में केवल और केवल जाति ही दिखती है . उन्हें तो संसद के अधिकारियों यहाँ तक बज़ट के हलुए में भी जाति दिखाई दे रहे है . अब तो राहुल को रंगों में भी जाति दिखती है , जैसे लाल-केसरिया एक जाति का , हरा एक विशेष धर्म का तो नीला एक विशेष जाति का . शायद इसलिए पिछले कुछ समय से राहुल सफ़ेद टी-शर्ट ही पहनते आ रहे है 
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 आब आप सोच रहेगे कि राहुल एसा क्यों कर रहे है . अगर आप भी भाजपा के नेताओं की तरह राहुल को मंद बुद्धि , अपरिपक्व आदि समझ रहे है तो आप गलत है . राहुल गांधी एक परिपक्व राजनेता है . राजनीति और कूटनीति उनके राग-रग में है . एसी राजनीति उन्हें विरासत में मिली है . कांग्रेस का गठन ही फूट डालो राज करो की अवधारणा पर हुआ था . राहुल उसी को आगे बढ़ा रहे है. महात्मा गांधी से लेकर इंदिरा गांधी तक यही क्रम चला हिन्दुओ को बांटो और मुस्लिमो को गले लगाओ . कांग्रेस हमेशा से तुष्टिकरण की ही राजनीति करती है . राजीव-सोनिया ने इसे जारी रखा और अब राहुल-प्रियंका इसे आगे बढाने का काम कर रहे
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 इनका केवल और केवल एक ही उद्देश्य है और वह ये की हिन्दुओ को जितना हो सके उतना बांटा जाय कई जाति और सम्प्रदायों में ताकि मुस्लिम उनकी तरफ रहे और वे सत्ता पर बैठ सके . राहुल अच्छे से जानते है की इस समय भाजपा के पास लगभग 36 से 37% हिन्दू वोटर है जिसे बिना डिवाइड किये वो सत्ता पर नहीं आ सकते .अगर आप 2024 के लोकसभा की उत्तरप्रदेश की समीक्षा करेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा .
खैर जब राहुल गांधी बज़ट के हलुआ में जाति ढूंढ रहे थे तो ये भूल गए की जिन अधिकारीयों की वो बात कर रहे थे उनमे से अधिकाँश उनके पिटा राजीव गांधी के समय के थे . राहुल ये बात भूल गए की जब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी तब भी बज़ट बनाने वालो एससी.एसटी, ओबीएससी अधिकारी नहीं हुआ करते थे. 

सदन में राहुल ने कहा की हिन्दू धर्म को छोड़ दे तो बांकी किसी भी धर्म में कोई छुआ छूत नहीं नहीं , मस्जिद में हर कोई जा सकता है , चर्च में हर कोई जा सकता है उन्होंने ये नहीं बताया की मस्जिद में महिलाए नहीं जाती जबकि मन्दिर में महिलाओं का सम्मान होता है . क्या उन्हें नहीं पाता की शिया और सुन्नी की मस्जिदे अलग – अलग होती है अहमदिया मुसलमानो को बाँकियों के मस्जिद में नहीं जाने दिया जाता . A country where there are many Muslims but no mosques know the reason | ऐसा  देश जहां मुसलमान तो बहुत हैं लेकिन मस्जिद नहीं, जानिए वजह
क्या राहुल नहीं जानते की सिक्खों में भी दलितों के, जाटो के गुरुद्वारे अलग अलग होते है दलित सिक्खों को अन्य सिक्खों के गुरुद्वारे में जाने नहीं दिया जाता . इसलिए तो पंजाब में बड़ी ज्यादा संख्या में दलित सिक्खों का धर्मान्तार्ण हो रहा है. लेकिन इस पर राहुल गाँधी नहीं बोलते . राहुल जानते है की चर्च भी अलग अलग होते है जहां एक विचार को मानने वाले दूसरे को अपने यहाँ प्रार्थना करने की अनुमति नहीं देते .   
उधर कांग्रेस के दुसरे खेवनहार और सबसे बड़े ब्रांड नेता एवं गांधी परिवार की सदस्य राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी का भी मुस्लिम वोट परस्ती देखिये ,जिन्होंने गज़ा के पक्ष में एक बयान दिया जो मीडिया में सुर्खिया बन रहा है . UP people did wonders Rahul Gandhi said his sister Priyanka gandhi had a  hand in the victory UP - India Hindi News - यूपी की जनता ने कमाल कर दिया,  जीत में
आपको याद होगा की पिछले दिनो इज़रायल के नेता नेतान्याहू अमेरिका की यात्रा में रहे है . उन्होंने सीनेट को संबोधित भी किया . स्टैंडिंग ओवैशन भी मिला और खूब तालियाँ भी मिली यहाँ तक कि आसंदी ने भी खड़े होकर सम्मान दिया . नेतान्याहू का अमेरिका के राष्ट्रपति ने गरम जोशी के साथ उनका स्वागत किया बल्कि पूर्व उप राष्ट्रपति और संभावित राष्ट्रपति ने भी स्वागत किया है . भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और नेतेंयाहू की केमिस्ट्री जग जाहिर है और भारत – इजरायल की नजदीकियां भी. अब यह बात समझ में नहीं आती आखिर राहुल प्रियंका वाली कांग्रेस अपना अलग डेढ़ दाना क्यों पका रहे है
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गौर करने की बात यह है की प्रियंका वायनाड से लोकसभा का उपचुनाव लड़ने वाली है जहां की 50% से ज्यादा आबादी मुस्लिम है . प्रियंका ने पिछले कुछ महीनो में जितने ट्विट किये है, उतने उन्होंने कभी नहीं किये और न ही अभी तक मुस्लिमो का सबसे बड़ा रहनुमा बताने वाले ओबीसी ने भी किया .
कुल मिलाकर देखे तो भविष्य में देश की राजनीति का क्या स्तर होगा यह चिंतित करता है . वर्तमान में संसद के बज़ट सेशन को देखकर तो मन व्यथित होता है कि ये नेता राजनीति और सदन को कितना नीचे गिरायेगें ये कल्पना से परे है . यह भाजपा के लिए भी चुनौती होगी की वह राहुल गांधी के इस तरह के बयानों का जवाब देने के लिए स्वयं को कितना नीचे गिराए . राहुल जानते है की उनके विरोधी ज्यादा नीचे गिरकर उनका जवाब नहीं दे सकते और उनके आस पास के लोग नेरेटिव बनाते है की राहुल गांधी ने सबको चुप करा दिया . अब आप ये सब सुनने और देखने के लिए तैयार रहे क्योंकि राहुल ने जी कुछ पिछले 20 साल सड़क की राजनीति में किया है वो सब वो अब सदन के अंदर करेगे . शायद इससे बड़ा दुर्भाग्य भारतीय जनतंत्र का नहीं हो सकता है.ये सच्चाई है जिसका सामना हम आप सभी को करना होगा . इस पर हम सभी को चिन्तन करने की आवश्यकता है 
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