जनता को टॉफी वाला निर्मला का कुर्सी बचाओ बज़ट


Budget : कल हमारे एक शुभ चिन्तक ने मुझसे कहा कि आपका देश के बज़ट के ऊपर कोई विडियो नहीं आया , आपकी प्रतिक्रिया भी इस बज़ट पर आनी चाहिए . आपको यह बज़ट कैसा लगा ? तो बज़ट का एनालिसिस करने के पहले मैंने खुद से प्रश्न किया की मेरी इस बज़ट से अपेक्षाएं क्या थी ? क्योंकि बज़ट पर सभी की प्रतिक्रियाएं अलग अलग मिल रही थी . मुझे समझ में आया कि जिसकी जैसी अपेक्षाएं थी उनको बज़ट वैसा ही दिखा . किसी के लिए बज़ट अच्छा तो किसी के लिए निराशाजनक रहा . मुझे भी इस बज़ट से बहुत उम्मीदे थी . बज़ट में जनमानस के लिए मुझे कुछ विशेष घोषणाएं नहीं मिली . मुझे लगा की इस बज़ट के द्वारा नरेन्द्र मोदी ने अपनी राजनीति साधने की कोशिस की है . उनके विजन का द्रश्य है ये बज़ट . 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प है ये बज़ट. लेकिन शेयर मार्केट से मिलने वाली इनकम में टैक्स लगाने से निवेशकों में निराशा हो सकती है . न्यू इनकम टैक्स पालसी से भी माध्यम वर्ग खुश नज़र नहीं आ रहा क्योंकि नए स्लैब को अपनाने से पूरे साल में मात्र 1700 रु का ही फ़ायदा होना है . इसके अलावा तो मुझे मिडिल क्लास के लिए कोई और लाभ दिखा नहीं जैसा की सोचा जा रहा था की माध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणायें हो सकती है . इस बज़ट में सर्कार का फोकस स्ट्रक्चरल चेंज पर ज्यादा है विशेकर कृषि के क्षेत्र में 

.Union Budget 2024: Nirmala Sitharaman ...
बजट में जहां भारत को विकसित देश का दर्जा दिलाने के लिए आवश्यक दीर्घ कालीन लक्ष्य निर्धारित करने को प्राथमिकता दी गई है। वहीँ में गठबंधन सरकार के लिए जरूरी राजनीतिक कसरत का भी बखूबी ध्यान रखा गया है. सरकार उन दलों की मांगों के आगे नतमस्तक हुई है जिनका समर्थन उसके अस्तित्व के लिए अति आवश्यक है। पूर्ण बजट में राजस्व एवं व्यय के आंकड़े अंतरिम बजट के प्रावधान के करीब ही हैं।
अंतरिम बजट में व्यक्त अनुमानों की तुलना में भारी भरकम लाभांश मिलने से केवल    गैर-कर राजस्व के आंकड़ों में इजाफा किया गया है। इस बजट में तीन जरूरी बातों का समावेश किया गया है। पहली बात, यह बजट काफी पारदर्शी रहा है और कोई बात या बजट से इतर देनदारी पर्दे के पीछे नहीं रखी गई है। इसका फायदा यह है कि इससे वृहद आर्थिक हालात पर बजट प्रावधानों के असर को समझने में मदद मिलती है। दूसरी बात, कोविड महामारी के बाद राजकोषीय स्थिति सुदृढ़ बनाने के प्रयास तेज हो गए हैं। तीसरी बात, सरकार राजकोषीय स्थिति सुदृढ़ करने के साथ ही पूंजीगत आवंटन भी बढ़ाती रही है ताकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार में तेजी बनी रहे। जीडीपी के सापेक्ष केंद्र सरकार का पूंजीगत आवंटन निरंतर बढ़ रहा है और यह 2024-25 के बजट में बढ़कर 3.4 प्रतिशत हो गया है, जो 2020-21 में 1.7 प्रतिशत था। अंतरिम बजट में व्यक्त अनुमान की तुलना में सरकार को लाभांश के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 1.1 लाख करोड़ रुपये अधिकांश मिले हैं। इस रकम का इस्तेमाल मोटे तौर पर दो बड़ी सहयोगी दलों की मांग पूरी करने में हुआ है। केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से दूर रही है मगर दोनों महत्त्वपूर्ण सहयोगी भारी भरकम राशि झटकने में जरूर कामयाब हो गए ।
अब यदि मोदी सरकार 3.0 के पहले बज़ट के विश्लेष्ण को सारांश में कहूँ तो शायद ये नारा सार्थक होगा “जो हमारे साथ, उनके लिए खुले भण्डार” .बजट में सीतारमण ने बिहार को करीब 59 हजार करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट की घोषणा की है. जिसमें से 26000 करोड़ रुपये बिहार में एक्सप्रेसवे आदि व सड़क निर्माण के लिए दिए जायेंगे . तो . वहीं आंध्र वहीँ आँध्रप्रदेश के लिए 15000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की है. लोकसभा स्पीकर के चुनाव से लेकर मंत्रालय के बंटवारे तक जहां बीजेपी हावी दिख रही थी, वहीं बजट 2024 में नीतीश और चंद्रबाबू नायडू के प्रेशर पॉलिटिक्स की झलक देखने को मिली. इन सब से अलग बात इस बजट में जो देखने को मिली है वह यह कि इस बार धर्म पर खर्च नहीं किया जा रहा है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस बज़ट को कुर्सी बचाओ बज़ट कहा उन्होंने आरोप लगया कि बज़ट सहयोगी डालो की तुष्टिकरण वाला और पूंजीपतियों को फायदा पहुचाने वाला खोखले वादों से भरा हुआ है .
विपक्ष जिस तरह से युवाओं पर फोकस कर रहा है, बेरोजगारी की बात कर रहा है, उस के दबाव में उन्हें इंटरनल स्कीम दी गई है. इस से कोई लाभ तो नहीं दिखता लेकिन युवाओं की परेशानियों की तरफ सरकार का ध्यान जरुर गया है. बजट से लग रहा है कि यह मोदी सरकार का नहीं, एनडीए सरकार का बजट है. सरकार विपक्ष और सहयोगी दलों के दबाव में काम करेगी. सरकार गिरने का डर बजट पर दिख रहा है. कुल मिला कर तीसरे कार्यकाल की सरकार दबाव में ही काम करेगी एसा लगता है . जिसके एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई है .
हालाँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम बजट को नई ऊंचाइ पर ले जाने वाले वाला बताते हुए कहा कि यह बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है, यह देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला है। यह मध्यम वर्ग को नई ताकत देने वाला बजट है। इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, ‘कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष जानबूझ कर यह भ्रम फैला रहा है कि बजट में सब कुछ केवल कुछ राज्यों को दे दिया गया और विपक्ष शासित प्रदेशों को कुछ नहीं दिया गया। उन्होंने कहा “मैं कांग्रेस को चुनौती देती हूं कि वह साबित करे कि उसके शासन काल के दौरान पेश किसी भी बजट में सभी राज्यों का नाम लिया गया। यह आरोप बहुत अपमानजनक है। यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।’
जहां तक बजट के दूरगामी नजरिये की बात है, वित्त मंत्री ने कुछ आश्वस्त करने वाले संदेश दिए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक नए आर्थिक नीति ढांचे की बात कही गई है जिसे राज्यों के साथ मिलकर अंतिम रूप दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने रोजगार से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए एक के बाद एक कई घोषणाएं कीं। इनमें केंद्र सरकार की ओर से निजी क्षेत्र को लोगों को काम पर रखने में वित्तीय मदद प्रदान करने की योजना शामिल है। सरकारी नौकरी की बात करने के बजाय उन्होंने निजी क्षेत्र में रोजगार देने के साथ प्रोत्साहन शामिल कर दिए हैं। सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों की बात करें तो उन्होंने संकटग्रस्त इकाइयों के लिए अधिक ऋण और कुछ नियामकीय सहनशीलता दिखाने की घोषणा की। ज्यादा चिंता की बात यह है कि कुल रक्षा आवंटन में ऐसे समय में गिरावट देखने को मिली है जबकि रक्षा तैयारी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। दूसरी ओर, कुछ प्रमुख योजनाएं जिनके आवंटन में अहम इजाफा हुआ है वे हैं ग्रामीण और शहरी आवास योजना, स्वास्थ्य आदि।
जानकारों का मानना है कि आयकर अधिनियम की एक व्यापक समीक्षा होनी है ताकि इसे सरल बनाया जा सके और करदाताओं को निश्चिंतता प्रदान करते हुए विवाद कम किए जा सकें। सीमा शुल्क दरों की नए सिरे से समीक्षा होनी है और यह सब आगामी छह माह में पूरा करना है। वित्त मंत्री ने पहले ही एक दर्जन क्षेत्रों की करीब 50 वस्तुओं की सीमा शुल्क दरों में कमी करके शुरुआत कर दी है। इस भावना को छह महीने में पूरी होने वाली समीक्षा के दौरान बरकरार रखा जाना चाहिए तथा उम्मीद है कि इसे अगले बजट में प्रस्तुत किया जाएगा। तो ये रहा बज़ट पर मेरा आकलन . आपको कैसा लगा comments करिएगा और chanel को अपना आशीर्वाद एवं सहयोग प्रदान करें . लाइक और सबस्क्राइब करें . फिर मिलूंगा किसी नए विषय के साथ तब तक के लिए आप स्वस्थ रहे , मस्त रहे , जहां भी रहें जबर्दस्त रहें .

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