चुनाव से पहले 'गरीब' वोटरों पर नजर, किस मंत्रालय को मिला कितना बजट?


Budget 2024, SCG NEWS : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी और अंतरिम बजट देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में पेश किया. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि आयात शुल्क सहित डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 47.66 लाख करोड़ रुपए के कुल व्यय का अनुमान लगाया है. बजट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में उधार को छोड़कर सरकार की कुल प्राप्तियां 30.80 लाख करोड़ रुपए की होंगी. सरकार को टैक्स के रूप में 26.02 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे. और राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

आइए जानते है किस केंद्रीय मंत्रालय को कितना बजट अलॉट हुआ?

•  रक्षा मंत्रालय: 6.2 लाख करोड़ रुपए

•  सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय: 2.78 लाख करोड़ रुपए

•  रेल मंत्रालय: 2.55 लाख करोड़ रुपए

•  उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय: 2.13 लाख करोड़ रुपए

•  गृह मंत्रालय: 2.03 लाख करोड़ रुपए

•  ग्रामीण विकास मंत्रालय: 1.77 लाख करोड़ रुपए

•  रसायन और उर्वरक मंत्रालय: 1.68 लाख करोड़ रुपए

•  संचार मंत्रालय: 1.37 लाख करोड़ रुपए

•  कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय: 1.27 लाख करोड़ रुपए


एक नज़र किस केंद्रीय स्कीम के लिए कितना आवंटन?

•  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना: 86000 करोड़ रुपए

•  आयुष्मान भारत-PMJYI: 7500 करोड़ रुपए

•  उत्पाद संबद्ध प्रोत्साहन योजना: 6200 करोड़ रुपए

•  सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण परितंत्र के विकास हेतु संशोधित कार्यक्रम: 6903 करोड़ रुपए

•  सौर ऊर्जा (ग्रिड): 8500 करोड़ रुपए

•  राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: 600 करोड़ रुपए

पिछले बजट में सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए जितना बजट अलॉट किया था, वह पूरा खर्च नहीं हुआ


आगामी महीनों में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बजट के जरिए लोगों को उम्मीद थी कि रेलवे सेक्टर में कुछ बदलावों का ऐलान किया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने मेट्रो रेल और नमो भारत जैसी प्रमुख रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अतिरिक्त शहरों तक विस्तारित करने का ऐलान के साथ 40 हजार रेल बोगियों को वंदे भारत कोच में बदलने की बात भी कही है.

3 बड़े आर्थिक रेलवे कॉरिडोर बनेंगे.

1.  ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर - सीमेंट और कोयला ढोने के लिए अलग से कॉरिडोर बनाया जाएगा.

2.  पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर- ये कॉरिडोर देश के प्रमुख बंदरगाहों को जोड़ेगा.

3.  हाई डेंसिटी कॉरिडोर - जिन रेल रूट में भीड़ ज्यादा होती है, उसके लिए यह कॉरिडोर होगा.

चुनावी साल का बजट भले ही लोकलुभावन न हो लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा - MGNREGA) के बजट में सरकार ने बढ़ोतरी कर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अच्छा संदेश दे दिया है. साल 2023-24 में मनरेगा का अनुमानित बजट 60,000 करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है. पंजीकृत ग्रामीण परिवार को 100 दिन का रोजगार देने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA), महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है जो ग्रामीण आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को सपोर्ट करती हैं. इस समय नरेगा के तहत 20.5 करोड़ से अधिक लोग पंजिकृत हैं.

कोरोना महामारी के दौरान नरेगा लाखों ग्रामीण लोगों के लिए महत्वपूर्ण जीवन रेखा रही क्योंकि उस समय लोग वापस अपने घर लौट आए थे. अर्थशास्त्री मानते हैं कि नरेगा बजट हमेशा अपर्याप्त ही रहता है.

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