SCG NEWS .नरेंद्र पाण्डेय : छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े और कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल जो कि रायपुर दक्षिण से विधायक रहे हैं अब रायपुर के सांसद हो गए हैं राज्य में अगले वर्ष के अंत तक नगरी निकाय चुनाव होने हैं संभावना है कि उसके साथ ही विधानसभा का उपचुनाव भी हो सकता है ऐसे में यदि प्रतीमोहन अग्रवाल अपने विधायक पर से इस्तीफा देते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की नेता बड़ी संख्या में अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकते हैं.
भाजपा में भी दावेदारों की कमी नहीं होगी रायपुर दक्षिण में बृजमोहन अग्रवाल का एक क्षेत्र राज रहा है इसलिए उनके रहते यहां से किसी और को कभी भी भाजपा से टिकट मिला ही नहीं अब उनके सांसद बनने के पश्चात यहां पर किसी नई उम्मीदवार की तलाश होगी. छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही रायपुर दक्षिण में बृजमोहन अग्रवाल का एक छत्र राज रहा है अब पहली बार उनके सांसद बनने के कारण इस सीट से थोक में दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. खबर है यह कुछ भाजपा नेताओं ने तो संत कार्यालय के चक्कर लगाने भी शुरू कर दिए हैं.
लेकिन बृजमोहन अग्रवाल के दबदबे वाली सीट पर संभवत पार्टी को उनकी नजरअंदाजी अच्छी. ऐसा माना जा रहा है की सीट से किसी को टिकट देने से पहले पार्टी भिजवाना अग्रवाल से भी उनकी मंशा जरुर पूछेगी या उनकी पसंद का की प्रत्याशी को मैदान में उतर जाए क्योंकि जीतने की जिम्मेदारी तो बृजमोहन अग्रवाल की ही होगी.
कुछ प्रमुख नाम जो खबरों में है उनमें से एक है सुनील सोनी जो पूर्व सांसद रह चुके हैं और पूर्व महापौर भी शहर के लोगों से कनेक्ट रहने वाले सुनील सोनी को बृजमोहन अग्रवाल का करीबी भी माना जाता है. शहर में भारतीय जनता पार्टी में सेकंड लाइन के नेताओं में सबसे सीनियर रायपुर निगम रायपुर नगर निगम के सीनियर पार्षद बृजमोहन अग्रवाल के सियासी टीम के अहम हिस्सा सुभाष तिवारी का नाम भी जोरों से लिया जा रहा है. तो बृजमोहन अग्रवाल के हमेशा गुड बुक्स में रहने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता केदार गुप्ता भी पीछे नहीं है व्यापारिक वर्ग में उनकी पकड़ बहुत अच्छी है जो दो बार रायपुर उत्तर से टिकट दिए जाने की चर्चा रही लेकिन बात नहीं बन सकी थी. निगम चुनाव में कई भाजपा नेताओं को तीन बार नर्सरी पार्षद के रूप में हार चुके शहर दक्षिणी के सुंदरलाल शर्मा वार्ड से आने वाले मृत्युंजय दुबे का नाम भी चल रहा है जो अब भाजपा में सक्रिय है तो रायपुर नगर निगम में उप नेता प्रतिपक्ष लगातार विधायक का चुनाव लड़ने का प्रयास कर रहे मनोज वर्मा भी सिर्फ नेताओं के संपर्क में है
यह बात केवल भारतीय जनता पार्टी के अंदर है ऐसा नहीं है कांग्रेस ने भी दावेदारों की लंबी लिस्ट है यह सीट कांग्रेस के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि पहली बार बृजमोहन बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं होंगे बृजमोहन को जन्म नेता माना जाता है सियासी जानकार बताते हैं की सीट पर बड़ी संख्या में लोग बृजमोहन के चेहरे पर ही वोट करते आए हैं बृजमोहन के दिल्ली जाने से कांग्रेस के लिए यह सीट थोड़ी आसान हो सकती है इसलिए इस बार कांग्रेस का हर नेता मैदान पर उतरने की कोशिश जरूर करेगा. पूर्व में बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ किरण में नायक कन्हैयालाल अग्रवाल और प्रमोद दुबे अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. पिछले चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास को हराया था. अब आगे देखना होगा कि बृजमोहन अग्रवाल के डायरेक्टर चुनाव न लड़ने पर इस सीट पर क्या होंगे चुनावी समीकरण और क्या आएगा रिजल्ट
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