मरम्मत का इंतजार कर रहा मुंगेली-बिलासपुर के बीच बना अंग्रेजों के जमाने का पुल


मुंगेली। अंग्रेजों को तो भारत छोड़े 75 साल से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक उनके किए गए निर्माणों की उपयोगिता जिम्मेदारों के नकारेपन का सबूत है. ऐसा ही एक मॉडल मुंगेली और बिलासपुर को जोड़ने वाला पुल है. अंग्रेजों के जमाने में बन यह पुल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.बरेला और तखतपुर के बीच इस पुल को नए सिरे से बनाने की मांग स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन न तो नेता को और न ही किसी अधिकारी को परवाह है. बीच-बीच में दिखाने के लिए मरम्मत कार्य कर छोड़ दिया जाता है. यही नहीं इस पुल से ही नहीं बल्कि शहर के बीच से भारी वाहनों का गुजरना प्रतिबंधित है. फिर भी धड़ल्ले से गुजर रहे हैं. केवल संकरा पुल ही अपनी मरम्मत की बांट नहीं जोह रहा है, बल्कि पुल पर जगह-जगह जानलेवा गड्ढे हो गए हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसकी भी समय के साथ मरम्मत करने की जरूरत है.

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में स्थानीय लोगों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और डिप्टी सीएम अरुण साव का गृह जिला होने के बावजूद दिग्गज जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. जबकि बड़े से बड़े प्रशासनिक अधिकारी इसी पुल को क्रॉस कर आवाजाही कर रहे हैं, लेकिन चमचमाती कार से नीचे झांकने की उन्हें भी फुर्सत कहाँ है?

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