TRUMP ने इतिहास रचा वैश्विक माहौल पर क्या होगा असर


SCG NEWS : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। याद आ रहा है साल 2020 का वो नतीजा जब डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार गए थे। लेकिन इस दफा तो उन्होंने कमाल कर दिया। सभी सातों स्विंग स्टेट्स में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को पछाड़ दिया। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्रंप को जीत की बधाई देते हुए x पर लिखा , मेरे मित्र @realDonaldTrump को ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने की आशा करता हूँ। आइए हम सब मिलकर अपने लोगों की बेहतरी के लिए काम करें और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दें।


जीत दर्ज करने के साथ ही ट्रंप ने कहा कि यह इतिहास का सबसे महान पल है। अगर ट्रंप की शैली को देखें तो उन्हें ज्यादातर लोग सनकी मानते हैं। लेकिन यह भी कहते हैं कि वो फैसले तो ठोस लेते हैं भले ही आप उनकी आलोचना करिए। ट्रंप पर जिस तरह से चुनाव प्रचार के दौरान कातिलाना हमला किया गया उसके बाद वो और उत्साह के साथ चुनावी मैदान में आ डटे। जीत के बाद अपने समर्थकों कहा कि 'यह अमेरिकी लोगों के लिए एक शानदार जीत है, जो हमें अमेरिका को फिर से महान बनाने की मंजूरी देगी।' फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में कहा कि वो हर एक दिन अमेरिकियों के लिए लड़ेंगे। अमेरिका के स्वर्ण युग' की शुरुआत करेंगे। अमेरिका ने हमें अभूतपूर्व और शक्तिशाली जनादेश दिया है। अपने चुनाव अभियान का प्रमुख हिस्सा रहे एलन मस्क को रिपब्लिकन पार्टी का 'नया सितारा' बताया। यही नहीं शानदार शख्स कहा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,कि वो तब तक चैन से नहीं बैठेगे जब तक वह मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध अमेरिका नहीं बना देते । 

यह वास्तव में अमेरिका का स्वर्णिम युग होगा।' इस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रेट अमेरिका बनाने की तस्वीर को पेश किया। लेकिन यहां कई सवाल है मसलन वो भारत के साथ किस तरह से पेश आएंगे। उनका रूस और यूक्रेन को लेकर क्या रुख रहेगा। चीन के साथ उनका नजरिया पहले कार्यकाल जैसा होगा या उसमें किसी तरह का बदलाव होगा। इजरायल- हमास जंग, ईरान के साथ रिश्ते कैसे होंगे। अमेरिका की आर्थिक नीति किसे अधिक फायदा पहुंचाएगी। कहा जाता है कि ट्रंप चीन के धुर विरोधी हैं। और अपने पहले कार्यकाल में चीन के ट्रेड वॉर छेड़ चुके हैं। और वह बार-बार चीन पर यह आरोप लगाते है कि वह अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है। इस रुख को देखते हुए एक बार फिर टैरिफ वॉर छिड़ सकती है। साथ ही वह चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सप्लाई चेन में भी अहम बदलाव कर सकते हैं। वह तो यहां तक कह चुके हैं कि वह चीन के मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी छीन लेंगे। साथ ही चीन के प्रोडक्ट पर 60 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। ऐसे में चीन से विरोध का फायदा भारत को मिल सकता है। कई कंपनियां चीन से शिफ्ट कर भारत आ सकती है। साथ ही ट्रेड वॉर से कई भारतीय कंपनियों को फायदा मिल सकता है। जैसे कि सोलर सेक्टर में इस समय मिल रहा है। इसी तरह केमिकल, पेट्रोलियम और डिफेंस सेक्टर को भी बूस्ट मिल सकता है। 
अवैध घुसपैठ में वृद्धि के बीच अमेरिका ने विमान से भरकर भारतीय प्रवासियों को  वापस भेजा - भारत समाचार | द फाइनेंशियल एक्सप्रेस

लेकिन ट्रंप के चुनावी अभियान प्रवासियों के लिए भी काफी मुखर थे. उन्होंने अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने का वादा किया है. साथ ही वह यह भी कहते हैं प्रवासी अमेरिका के लोगों की नौकरियां खा रहे हैं. इस समय अमेरिका में 4 फीसदी बेरोजगारी दर पहुंच चुकी है। चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बना था. अमेरिका में टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो जैसी प्रमुख दिग्गज आईटी कंपनियों का बड़ा बिजनेस है। और भारतीय प्रोफेशनल्स वहा एच- 1 बी वीजा लेकर काम करते हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल एच -1बी वीजा नियमों पर सख्ती की थी और इसका असर भारतीय पेशेवरों और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर पड़ा था. ऐसे में दूसरे कार्यकाल में वीजा नियम सख्त हुए भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरियों के अवसर कम होंगे. इसका असर यह भी हो सकता है भारतीय आईटी कंपनियां नए बाजार तलाशें। आर्थिक मुद्दे पर ट्रंप का रुख बिडेन के रुख से कुछ अधिर प्रो अमेरिकी हो सकता है. 

 यानी कि ट्रंप कार्यकाल में आर्थिक चुनौतियां अधिक रहेंगी। लेकिन अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर किस तरह से असर होगा उसे समझना जरूरी है। अगर आप यूक्रेन और रूस के युद्ध को देखें तो ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी सरकार यानी जो बिडेन की सरकार दूरदर्शिता के साथ काम करते हुए नजर नहीं आई। मसलन अमेरिका को दोनों मु्ल्कों को युद्ध खत्म कराने पर जोर देना चाहिए था। लेकिन नेटो के जरिए अपनी शक्ति और संसाधनों तो व्यर्थ में इस्तेमाल किया। अब जब कि ट्रंप शासन में होंगे तो रूस यूक्रेन, इजरायल- हमास मामले में कुछ सार्थक प्रगति हो सकती है। उम्मीद करते है ट्रंप की यह पारी अमेरिका का स्वर्णिम युग होगा और विश्व को शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने वाला होगा

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