R Ashwin Retirement Controversy: टीम इंडिया के स्टार स्पिनर आर अश्विन सुर्खियों में हैं. 18 दिसंबर को उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया. अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज के बीच यह फैसला लिया, जिससे सभी हैरान हैं. गाबा टेस्ट में उन्हें मौका नहीं मिला था. इस अचानक फैसले के पीछे की वजह को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थीं. अब उनके पिता रविचंद्रन ने खुलासा किया है कि टीम में लगातार हो रहे अपमान के कारण अश्विन ने यह फैसला लिया है. पिता के खुलासे क बाद अश्विन के रिटायरमेंट पर नया बवाल खड़ा हो गया है.
अश्विन के पिता का खुलासा
अश्विन के पिता ने सीएनएन-न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में कहा कि, ‘मुझे भी इस बारे में आखिरी मिनट में पता चला. उसने (अश्विन) मुझसे सिर्फ इतना कहा कि वह रिटायर हो रहा है. मैं भी हैरान था, लेकिन मैंने उसे सपोर्ट किया. जिस तरह से उसने रिटायरमेंट लिया है उससे मैं खुश भी हूं और नहीं भी हूं, क्योंकि उसे खेलते रहना चाहिए था. रिटायर होना अश्विन का फैसला था और मैं उसमें दखल भी नहीं दूंगा, लेकिन जिस तरह से उन्होंने रिटायरमेंट लिया है उसकी कई वजह हो सकती हैं. ये अश्विन ही जानते हैं, मुमकिन है कि अपमान इसकी वजह हो.’
अश्विन के पिता ने आगे कहा, अश्विन का रिटायर होना हमारे लिए इमोशनल लम्हा है, क्योंकि वो 14-15 सालों तक खेले और अचानक रिटायरमेंट ने हमें शॉक में डाल दिया. हमें ऐसा लग रहा है कि लगातार अपमान हो रहा था. तो वो कब तक ये सब सहता. इसलिए अश्विन ने रिटायरमेंट का फैसला लिया.’
टीम इंडिया में कैसे हुआ अश्विन का अपमान?
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में बेंच पर बैठना- अश्विन को WTC 2021 और 2023 के फाइनल में टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया गया था, जबकि वह दुनिया के नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज थे. यह फैसला कई क्रिकेट विशेषज्ञों के साथ-साथ सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों ने भी सवालों के घेरे में रखा था. गावस्कर ने कहा था ‘अगर आप दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज को खिलाते हैं, तो फिर नंबर 1 गेंदबाज को क्यों बेंच पर बैठाते हैं?’
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अनदेखी
ऑस्ट्रेलिया दौरे के पर्थ टेस्ट में अश्विन को बाहर रखा गया. एडिलेड टेस्ट में खेलने का मौका मिला, लेकिन तीसरे टेस्ट में उन्हें फिर से बाहर कर दिया गया. यह सिलसिला लंबे समय तक चला, जहां कई अहम मैचों में उन्हें मौका नहीं मिला.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन का दबाव
घरेलू टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन भी उनकी जगह को पक्का करने में मदद नहीं कर पाया. कर्नाटक की टीम ने युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता देने का फैसला किया और अश्विन को बाहर कर दिया गया.
अश्विन का फैसला सही या गलत?
अश्विन के अचानक संन्यास लेने से फैंस और क्रिकेट जगत में मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. उनके पिता ने जहां इस फैसले को भावनात्मक रूप से झटका करार दिया, वहीं कुछ क्रिकेट विशेषज्ञ इसे “स्वाभिमान का फैसला” बता रहे हैं.
अश्विन के संन्यास पर उठ रहे ये सवाल
गाबा टेस्ट के बाद अश्विन के रिटायरमेंट की घोषणा ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि वह सीरीज के बीच में थे और टीम को उनकी जरूरत थी. प्लेइंग 11 में जगह न मिलना, WTC फाइनल में बाहर बैठना और घरेलू टूर्नामेंट में लगातार नजरअंदाज किया जाना अश्विन की नाराजगी की वजह बताई जा रही है. कई फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ अश्विन के साथ हुए बर्ताव को अनुचित बता रहे हैं और टीम मैनेजमेंट की आलोचना कर रहे हैं.
क्या सचमचु हुआ आर अश्विन का अपमान?
आर अश्विन का इंटरनेशनल क्रिकेट से अचानक संन्यास लेना सभी के लिए चौंकाने वाला फैसला था. अब उनके पिता के खुलासे से इस बात को और जोर मिल रहा है कि अश्विन ने अपमान और मानसिक तनाव के चलते यह कदम उठाया. WTC फाइनल में चयन न होना और प्लेइंग 11 में अनदेखी जैसे कई कारणों ने उनके इस फैसले में भूमिका निभाई. अब अश्विन केवल आईपीएल और क्लब क्रिकेट खेलते नजर आएंगे.
अश्विन का रिकॉर्ड और योगदान
टेस्ट करियर: 106 मैच, 537 विकेट (24.00 की औसत)
वनडे करियर: 113 मैच, 151 विकेट (33.50 की औसत)
टी20 करियर: 65 मैच, 72 विकेट (23.35 की औसत)